अंग्रेजी बोलने में ये आती है 4 सबसे बड़ी समस्याएं, ऐसे करें इन्हे दूर
बहुत से लोगों को अंग्रेजी भाषा सीखने में सबसे कठिन लगता है अंग्रेजी बोलना। तो आखिर अंग्रेजी बोलना इतना कठिन क्यों है? दरअसल कुछ ऐसी समस्यांए हमारे सामने आती है जिनके कारण हम अंग्रेजी नहीं बोल पाते हैं। ये 4 समस्याएं हैं लिसनिंग यानी सुनना, प्रनन्सीएशन यानी उच्चारण, वकेबलरी और कॉन्फिडेंस।
1. लिसनिंग
जब बातचीत की बात आती है, तो 50% लोग इंग्लिश बोलने में समय बिताते हैं तो अन्य 50% दूसरे व्यक्ति को सुनने में समय बिताते हैं। अगर आप समझ नहीं पाते कि वे क्या कह रहे हैं तो जवाब देना मुश्किल है।
इसका समाधान कैसे करें
हर दिन सुनने काअभ्यास करें। आप वेबसाइटों पर मुफ्त अंग्रेजी पोस्टकास्ट प्राप्त कर सकते हैं और अन्य काम करते समय उन्हें सुन सकते हैं। अंग्रेजी फिल्मों के माध्यम से अंग्रेजी सुनना भी एक और प्रभावी तरीका है। आप ऐसे दोस्त भी बना सकते हैं जो अंग्रेजी में बात करते हैं और उनकी बात सुन कर रिप्लाई देने की कोशिश कर सकते हैं।
जब आपको कुछ समझ नहीं आया है तो आप इन वाक्यांशों का प्रयोग कर सकते हैं जैसे कि "आई एम सॉरी, आई डिड नॉट अंडरस्टैंड", "कुड यु प्लीज रिपीट दैट प्लीज?" "कुड यु से दैट अगेन प्लीज?"
2. प्रनन्सीएशन
अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण करना मुश्किल हो सकता है। अंग्रेजी बोलते समय, आपको केवल शब्द उच्चारण नहीं बल्कि वाक्य में शब्दों के बीच संबंधों पर विचार करना होगा।
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कैसे करें समाधान
अपने अंग्रेजी उच्चारण को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है, अंग्रेजी सुनना। जितना अधिक आप अंग्रेजी सुनेंगे, उतना ही आपका उच्चारण बेहतर होता जाएगा। अभ्यास करने का सबसे अच्छा तरीका ट्रांसक्रिप्ट या मूवी स्क्रिप्ट के साथ ऑडियो सैंपल सुनना है।
3. वकेबलरी
कभी कभी हमें किसी शब्द की ग्रामर तो आती है लेकिन वो शब्द का अंग्रेजी मतलब हमें पता नहीं होता है जो हम कहना चाहते हैं इसलिए वकेबलरी को स्ट्रांग करना बेहद जरूरी है।
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क्या करें?
जब आप कोई शब्द सीखते हैं तो आप कनेक्शन बनाकर शब्दों को याद रखने की अपनी क्षमता में सुधार कर सकते हैं।
4. कॉन्फिडेंस
यदि आप घबराहट महसूस करते हैं और अंग्रेजी बोलते समय गलती करने से डरते हैं, तो आत्मविश्वास आपकी समस्या है।
अपना आत्मविश्वास कैसे बढ़ाएं
आपको व्याकरण के बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। दरअसल, बोली जाने वाली अंग्रेजी का व्याकरण अक्सर लिखित अंग्रेजी व्याकरण से अधिक लचीला होता है। इसलिए जो बोलें कॉन्फिडेंस के साथ बोलें।